: चक्रवात (Cyclones)

चक्रवात (Cyclones)

VI. चक्रवात (Cyclones) चक्रवात निम्न वायुदाब का एक प्राकृतिक तंत्र होता है, जिसमें वायुदाब प्रवणता तीव्र रहती है। चक्रवात में पवन घूमती हुई चलती है। उत्तरी गोलार्द्ध में इनकी दिशा वामावर्त (घड़ी की सुई के विपरीत) और अन्दर की ओर होती है। दक्षिणी गोलार्द्ध में इनकी दिशा दक्षिणावर्त रहती है। चक्रवात दो प्रकार के होते हैं (i) शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclones) - इनकी उत्पत्ति पछुआ पवनों की पेटी में 30-35° अक्षांशों के मध्य होती है। ये चक्रवात प्रायः पश्चिम से पूर्व दिशा में भ्रमण करते हैं। आकार में यह 150 कि.मी से 3000 कि.मी. तक हो सकता है। (ii) उष्ण कटिबंधीय चक्रवात (Tropical Cyclone) - उष्ण कटिबंधीय चक्रवात एक निम्न भार का प्राकृतिक तंत्र है जो उष्ण कटिबंधीय अक्षांशों में विकसित होता है। इसका विस्तार 23.5° उत्तर कर्क रेखा से 23.5° दक्षिण मकर रेखा तक रहता है। इन चक्रवातों का केन्द्रीय भाग चक्रवात की आँख या शांत क्षेत्र कहलाता है। उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में पवन की दिशा उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध में दक्षिणावर्त (घड़ी की सुई के घूमने की दिशा में) रहती है। हरीकेन, टायफून एवं टोरनेडो चक्रवात के प्रकार हैं। (A) हरीकेन (Harricane) इसका सम्बन्ध कैरेबियन सागर और मैक्सिको की खाड़ी के परिक्रमी उष्ण कटिबंधीय तूफानों से है। (B) टायफून (Typhoon) पश्चिमी प्रशांत महासागर और चीन सागर में उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों को टायफून कहते हैं। (C) टोरनेडो (Tornado) - एक अत्यंत तीव्र न्यून दाब केन्द्र के चारों ओर विकसित वायु का तीव्रता से घूर्णन टोरनेडो कहलाता है। यह मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका में उत्पन्न होता है। VII. प्रतिचक्रवात (Anti-Cyclone) प्रतिचक्रवात वृत्ताकार समदाब रेखाओं द्वारा घिरा हुआ वायु का ऐसा क्रम है, जिसके केन्द्र में वायुदाब अधिकतम होता है जो कि बाहर की ओर घटता जाता है जिस कारण हवाएँ केन्द्र से परिधि की ओर चलती है। उत्तरी गोलार्द्ध में प्रतिचक्रवात पदन का संचरण दक्षिणावर्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में वामावर्त रहता है। प्रतिचक्रवात 30 35 कि.मी. प्रति घंटा की चाल से चलता है। इसके केन्द्र में हवाएँ ऊपर से नीचे उतरती है, अतः केन्द्र का मौसम साफ होता है और वर्षा की संभावना नहीं रहती है। 6. महाद्वीप (Continents) 1. एशिया (Asia) एशिया विश्व का सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसका क्षेत्रफल 44.444,100 वर्ग कि.मी. है, जो कि स्थलीय भाग का 33 प्रतिशत है। यूराल पर्वत कैस्पियन सागर, काकेशस पर्वत तथा काला सागर एशिया तथा यूरोप की सीमा बनाते हैं, जबकि स्वेज नहर, लाल सागर एशिया एवं अफ्रीका के बीच सीमा बनाते हैं। विस्तार एशिया का अक्षांशीय विस्तार 10° दक्षिणी अक्षांश से 80° उत्तरी अक्षांश तथा देशान्तरीय विस्तार 25° पूर्वी देशान्तर से 180° पूर्वी देशांतर है। एशिया में स्थित तिब्बत का पठार विश्व का सर्वाधिक ऊँचा एवं विस्तृत पठार है। संसार का सबसे निचला भाग. मृत सागर (समुद्र तल से 400 .मी. नीचा) के तट पर इजराइल, फिलिस्तीन एवं जॉर्डन हैं। चीन व जापान विश्व के सर्वाधिक मत्स्य आहरण करने वाले देश है। ● एशिया में सर्वाधिक रबड़ का उत्पादन थाईलैण्ड में होता है। मलेशिया एशिया का सर्वाधिक टिन उत्पादक देश है। चावल का सर्वाधिक उत्पादक देश चीन है तथा भारत चाय का सर्वाधिक उत्पादक देश है। जकोटा त्रिभुज (Japan - South Korea-Taiwan Triangle) एक बड़ी औद्योगिक शक्ति के रूप में उभरा है। ● बेरिंग जलसन्धि अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के समानान्तर स्थित है। • बहरीन और कतर के बीच होर्मुज जलसन्धि है। इण्डोनेशिया की राजधानी जकार्ता जावा द्वीप पर स्थित है। मकासार जलसन्धि जावा और सेलीबीज को अलग करती है। जापान में टोक्यो - याकोहामा नगर क्वाण्टों के मैदान में बसे हुए हैं। 11. अफ्रीका (Africa) अफ्रीका विश्व का दूसरा बड़ा महाद्वीप है। इस महाद्वीप से भूमध्य रेखा, कर्क रेखा और मकर रेखा तीनों गुजरती है। इसके उत्तर में भूमध्य सागर, उत्तर-पूर्व में लाल सागर, पश्चिम एवं दक्षिण-पश्चिम में अटलांटिक महासागर एवं पूर्व में हिन्द महासागर है। इसका 2/3 भाग उत्तरी गोलार्द्ध में तथा 1/3 भाग ही दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है। अफ्रीका को विश्व का काला महादेश एवं पठारों का महाद्वीप भी कहा जाता है। उत्तर-पश्चिम अफ्रीका में एटलस पर्वत (सर्वोच्च शिखर मोरक्को तुबाकल - 4166 मी.) तथा दक्षिण अफ्रीका में ड्रेकेन्सबर्ग (3000 मी) है। सर्वोच्च ज्वालामुखी शिखर किलिमन्जारो है। मिस्र में नील नदी पर आस्वान बाँध स्थित है, जहाँ जल विद्युत उत्पादन होता है। सहारा मरुस्थल में तिबिस्ती पठार, अहागर और एयर पर्वत महत्त्वपूर्ण स्थलाकृतियाँ हैं। अफ्रीका स्वेज जलसन्धि द्वारा एशिया से जुड़ा हुआ है। अफ्रीका के उष्ण घास के मैदान सवाना और शीतोष्ण घास के मैदान वेल्डस कहलाते हैं। विश्व में कोको का सर्वाधिक उत्पादन आइवरी कोस्ट में होता है। जाम्बेजी नदी पर बने करीबा बाँध से सबसे अधिक जल विद्युत पैदा होती है। विट्सवार्टरेंड (दक्षिण अफ्रीका) विश्व का प्रमुख स्वर्ण उत्पादक देश है। की खान है। दक्षिण अफ्रीका स्थित किम्बरले खदान विश्व की सबसे बड़ी हीरे ● अफ्रीका में सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश नाइजीरिया है। टुर्काना, एल्बर्ट, टांगानिका और न्यासा झीलें, अफ्रीका के भूमध्यरेखीय झील तंत्र में सम्मिलित झीलें हैं। 111. यूरोप (Europe) क्षेत्रफल की दृष्टि से यूरोप का स्थान छठा है। यह एक सघन जनसंख्या वाला विकसित महाद्वीप है। ● यूरोप के उत्तर में वैरन्ट सागर, दक्षिण में भूमध्य सागर, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, पूर्व में यूराल, काकेशस पर्वत तथा कैस्पियन सागर, इसे एशिया से अलग करते हैं। स्ट्रॉम्बोली ज्वालामुखी को भूमध्य सागर का प्रकाश स्तम्भ कहा जाता है। • यूरोप तथा एशिया यूराल पर्वत एवं यूराल नदी द्वारा एक-दूसरे से अलग होते हैं। यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी माउण्ट एलबुश है, जो काकेशस पर्वत में स्थित है फ्रांस को 'लघु यूरोप' कहा जाता है। फ्रांस की राजधानी पेरिस सीन नदी के तट पर स्थित है। सीन नदी इंग्लिश चैनल में गिरती है। वोल्गा यूरोप की सबसे लम्बी नदी है। यह कैस्पियन साग में गिरती है। राइन नदी रिफ्ट घाटी में बहती है। यह रिफ्ट घाटी बासजेस तथा ब्लैक फॉरेस्ट जैसे ब्लॉक पर्वतों के मध्य स्थित है। राइन नदी विश्व की सबसे अधिक व्यस्त आन्तरिक जलमार्ग है। IV. ऑस्ट्रेलिया (Australia) ऑस्ट्रेलिया का उत्तरी भाग उष्णकटिबंधीय प्रकार की जलवायु पायी जाती है और दक्षिणी भाग समशीतोष्ण प्रकार की जलवायु पायी जाती है। मकर रेखा इसके मध्य से गुजरती है। ऑस्ट्रेलिया का दो-तिहाई भाग पठार से ढका हुआ है जिसे "वेस्टर्न पठार' के नाम से जाना जाता है, जहाँ वर्षा बहुत कम होती है जिसके कारण रेगिस्तान विकसित हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया का पूर्वी भाग केप यॉर्क से तस्मानिया द्वीप तक उच्च भूमि की श्रृंखला से ढका हुआ है जिसे 'ग्रेट डिविजनिंग रेंज' के नाम से जाना जाता है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर भारी मात्रा में मूंगा चट्टान (कोरल रीफ) पाया जाता है। इसे 'ग्रेट बैरियर रीफ के नाम से जाना जाता है, जो 1900 कि.मी. से भी अधिक लम्बा है। इस इलाके में जहाजों का आना वर्जित है। माउंट कोस्सिउसको ऑस्ट्रेलिया का सर्वोच्च शिखर है। मांउट कुक न्यूजीलैंड का सर्वोच्च शिखर है। मरे नदी, मुरुबिगे नदी, डार्लिंग नदी. लचलन नदी, वारेंगो नदी, कूपर क्रीक और पारू नदी यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं। मरे नदी ऑस्ट्रेलिया की सबसे लम्बी नदी है और वाइकोटो नदी न्यूजीलैंड की सबसे लम्बी नदी है। मोंटेजुमा झरना, टिया झरना, रसेल झरना, मैकेंजी झरना, ब्लैको झरना, फिट्जॉय झरना, एलेन बोरो झरना, मिशेल झरना, वालमान झरना और जिम-जिम झरना यहाँ के प्रमुख जलप्रपात या झरना है। Vateraffean (Antarctica) अंटार्कटिका विश्व का पाँचवाँ बड़ा महाद्वीप है। यह विश्व का सर्वाधिक ठंडा महाद्वीप है, जहाँ पूरी तरह से बर्फ की परत जमी रहती है, जिसके कारण इसे श्वेत महाद्वीप कहते हैं। इसे विश्व का सबसे ठंडा मरुस्थल भी कहते हैं। यह एक ऐसा महाद्वीप है, जहाँ कोई भी व्यक्ति स्थायी रूप से नहीं रहता है। विश्व का सबसे बड़ा ग्लेशियर लैम्बर्ट यहीं स्थित है। क्वीन गाड पर्वत श्रेणी अंटार्कटिका को दो भागों में बाँटती है। यहाँ 22 मार्च से 23 सितम्बर तक अन्धकार तथा 24 सितम्बर से 21 मार्च तक सूर्य कभी अस्त नहीं होता है। दक्षिणी गंगोत्री, मैत्री तथा भारती अंटार्कटिका में स्थित भारत के शोध संस्थान है। अंटार्कटिका जाने वाले प्रथम भारतीय रामचरण जी थे। VI. उत्तरी अमेरिका (North America) उत्तरी अमेरिका विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महाद्वीप है। इसे नई दुनिया (New World) भी कहा जाता है। इसके उत्तर में आर्कटिक महासागर, पूर्व में अटलांटिक महासागर, पश्चिम में प्रशांत महासागर और दक्षिण में भी प्रशांत महासागर और दक्षिणी अमेरिका स्थित है। इस महाद्वीप के दक्षिणी भाग में अनेक द्वीप कैरेबियन सागर में स्थित है, जिन्हें पश्चिमी द्वीप समूह कहते हैं। इस महाद्वीप में विश्व का सबसे बड़ा द्वीप ग्रीनलैण्ड भी सम्मिलित है, जो कि राजनीतिक रूप से डेनमार्क के अधिकार में है। ईरी और ऑन्टेरियो झीलों के मध्य विश्व प्रसिद्ध नियाग्रा प्रपात स्थित है। पश्चिमी कार्डिलेरा का सर्वोच्च पर्वत शिखर माउण्ट मैकिन्ले है, जो अलास्का में स्थित है। यह सक्रिय ज्वालामुखी पर्वत है। ● सेंट लॉरेन्स नदी महान झील क्षेत्र से निकलकर अटलांटिक महासागर में गिरती है। यह उत्तरी अमेरिका का सबसे अधिक व्यस्त अन्तः स्थलीय जलमार्ग है। ग्रेट बेसिन पठार, इस महाद्वीप का सबसे बड़ा अंतर पर्वतीय पठार है। यहाँ की नदियाँ समुद्र तक नहीं पहुँच पाती हैं। इस महाद्वीप का प्रमुख रेगिस्तान सोनोस है जो एरीजोना, कैलीफोर्निया एवं मेक्सिको में फैला हुआ है। रेड इण्डियन, इन्यूइट, अलूटस एवं एस्किमो उत्तरी अमेरिका के मूल निवासी हैं। एस्किमो सर्दी के मौसम में बर्फ के घर इग्लू बनाकर रहते हैं। ये रेडियर कुत्ते का उपयोग स्लेज गाड़ी खींचने में करते हैं। इनका हथियार हारपून कहलाता है। मक्का का सर्वाधिक उत्पादन इसी महाद्वीप में होता है। सेंट लुइस विश्व की सबसे बड़ी मक्का की मंडी है। मिसीसिपी द्रोणी का दक्षिण भाग कपास की पेटी के नाम से प्रसिद्ध है। क्यूबा को चीनी का कटोरा कहा जाता है। हवाई द्वीप में गन्ने का प्रति हेक्टेयर उत्पादन सर्वाधिक है। केला उत्पादन के लिए जमैका विश्व प्रसिद्ध है। कनाडा की सडबरी खान निकिल के निक्षेप में विश्व में सबसे बड़ी है। ब्रिटिश कोलम्बिया (कनाडा) की सुलीवान खान का विश्व में प्रथम स्थान है। मांट्रियल कागज उत्पादन का प्रमुख केन्द्र है। एलिजाबेथ द्वीप कनाडा एवं ग्रीनलैंड के बीच स्थित एक द्वीप है, जिस पर पृथ्वी का उत्तरी चुम्बकीय ध्रुव स्थित है। यू.एस.ए. की मेसाबी एवं वर्मिलन प्रमुख लौह खानें हैं, जो सुपीरियर झील प्रदेश में है। पीडमाण्ट और तटीय भाग में झरनों की पंक्ति को प्रपात रेखा कहते हैं। सेन फ्रांसिस्को में सिलिकन वैली स्थित है। डच हार्बर यू. एस. ए. का एक नौसैनिक स्टेशन है यहाँ 1942 में जापान ने हमला किया था। यू.एस.ए. की रेड नदी घाटी को विश्व की रोटी टोकरी की संज्ञा दी गई है। विश्व का सबसे बड़ा सिंथेटिक रबड़ टायर बनाने का प्रमुख एकान (यू एस .ए.) है। VII. दक्षिणी अमेरिका (South America) ● दक्षिणी अमेरिका संसार का चौथा बड़ा महाद्वीप है, जिसका अधिकांश भाग दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है। पनामा नहर इसे उत्तरी अमेरिका से तथा दक्षिण में ड्रेक पैसेज इसे अंटार्कटिका महाद्वीप से अलग करता है। दक्षिणी अमेरिका में ईस्टर द्वीप, फाकलैंड, गालापागोस तथा टेयार्स डेल फ्यूगो द्वीप शामिल हैं। इस महाद्वीप के उत्तर में कैरेबियन सागर, उत्तर पूर्व में उत्तरी अटलांटिक महासागर, दक्षिण व दक्षिण पूर्व में दक्षिणी अटलांटिक महासागर तथा पश्चिम में प्रशांत महासागर है। ● दक्षिणी अमेरिका का सबसे दक्षिणी सिरा हार्न अन्तरीप है। चिली, पेरू, बोलीविया, इक्वेडोर व कोलंबिया को एण्डियन देश कहा जाता है। अर्जेन्टीना के उत्तरी भाग में ग्रानचाकों की निम्न भूमि है, जिसका 'मुख्य वृक्ष क्वेब्रेको है। इसकी छाल का उपयोग चमड़ा उद्योग में किया जाता है। अर्जेन्टीना का चैको का मैदान कपास उत्पादन का सुप्रसिद्ध क्षेत्र है। अमेजन नदी बेसिन में विषुवतीय वर्षा वन को सेल्वास कहा जाता है। लानोस उष्ण कटिबंधीय घास के मैदान हैं जो ओरीनिको नदी द्रोणी एवं गायना उच्च भूमि में पाए जाते हैं। कैंपोस भी उष्ण कटिबंधीय घास के मैदान है जो सेल्वास के दक्षिण में ब्राजील के मध्यवर्ती भाग में स्थित है। अटाकामा एवं पैंटागोनिया दो प्रमुख मरुस्थल हैं। अपवाह की दृष्टि से अमेजन नदी संसार की सबसे बडी नदी है। पराना, पैराग्वे, उरुग्वे और उनकी सहायक नदियों के तंत्र को प्लाआ कहते हैं। ब्राजील कहवा का सबसे बड़ा उत्पादक राष्ट्र है। इसे कहवे घर कहा जाता है। कहने के विशाल बागों को फजेण्डा कहते हैं। साओपालो संसार की सबसे बड़ी कहवा की मण्डी है। ब्राजील कर सैंटास बन्दरगाह विश्व का कहवा पत्तन कहलाता है। का ● ब्राजील का इटाचिरा पर्वत लौह-अयस्क उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। ● वेनेजुएला का मरकेबो झील प्रमुख तेल उत्पादक क्षेत्र है। ● टिन उत्पादन में बोलीविया का विश्व में चौथा स्थान है। अटाकामा मरुस्थल में नाइट्रेट के विशाल भंडार पाए जाते हैं। बिली का एंटीफगास्टा बन्दरगाह संसार का ताँबा पत्तन के रूप में विख्यात है। दक्षिणी अमेरिका को पक्षियों का महाद्वीप कहा जाता है। यहाँ का ग्वानों खाद (पक्षियों का बीट) पोषक तत्व की दृष्टि से सर्वोत्तम है। यह पेरू के तट के पास गुआनों द्वीप में मिलता है। यहाँ पर रीया, केंडोर, एनाकोंडा, प्यूमा, आर्मेडिलो, लामा आदि जन्तु पाए जाते हैं। ● गेहूं की चन्द्राकार पेटी (Wheat Crescent) अर्जेंटीना में स्थित है। ● उरुग्वे दक्षिणी अमेरिका का सर्वाधिक नगरीकृत देश है। 7. आर्थिक भूगोल (Economic Geography) 1. विश्व की कृषि (World Agriculture) कृषि के अन्तर्गत फसल, फल, सब्जियों को उगाना एवं मवेशी की क्रियायें सम्मिलित है। विश्व में 60% से अधिक लोग कृषि कार्य से अपनी जीविका चला रहे हैं। कृषि के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार की क्रियाओं: जैसे- जुताई, बुवाई, सिचाई, निराई और कटाई इत्यादि क्रियाओं का संचालन किया जाता है। विश्व में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर गेहूँ की कृषि की जाती है। कृषि के प्रकार (Types of Agriculture) (a) निर्वाह कृषि (Farming)- इस कृषि के अंतर्गत कृषक परिवार अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कृषि कार्य करता है जिसमें निम्न स्तरीय प्रौद्योगिकी और पारिवारिक श्रम का उपयोग किया जाता है। इस कृषि को पुनः निम्न दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है। (i) गहन निर्वाह कृषि (Intensive Farming) - इस प्रकार की कृषि में किसान एक छोटे भूखण्ड पर अधिक श्रम कर फसलों का उत्पादन करता है। जिसमें वह एक वर्ष में एक से अधिक फसल उगाता है। इस खेती की मुख्य फसल चावल होती है। (ii) आदिम निर्वाह कृषि (Primitive Agriculture Cultiva tion) - इस कृषि के अंतर्गत स्थानान्तरी खेती एवं चलबासी पशुचारी सम्मिलित है। (a) स्थानान्तरी खेती / झूमिंग कृषि (Shifting or lumming Cultivation)- इस खेती को झूम की खेती, कर्बन एवं दहन कृषि के नाम से भी जाना जाता है। अत्यधिक वर्षा

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