क्रिकेट की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) ने एक विशेष स्थान बनाया है, और इसमें चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और मुंबई इंडियंस (MI) की प्रतिद्वंद्विता सबसे रोमांचक मानी जाती है। दोनों टीमों ने अपनी उत्कृष्टता से क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में एक खास जगह बनाई है। इस लेख में, हम CSK और MI के बीच विभिन्न पहलुओं पर गहराई से तुलना करेंगे ताकि यह समझा जा सके कि कौन सी टीम बेहतर है। टीम प्रोफ़ाइल चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) मेटा विवरण : चेन्नई सुपर किंग्स की स्थापना, कप्तानी, कोचिंग स्टाफ और आईपीएल में उनकी प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी। 2008 में स्थापित, चेन्नई सुपर किंग्स ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में अपनी पहचान बनाई है। टीम के कोच स्टीफन फ्लेमिंग हैं, और CSK ने अब तक चार बार आईपीएल खिताब जीता है: 2010, 2011, 2018, और 2021 में। मुंबई इंडियंस (MI) मेटा विवरण : मुंबई इंडियंस की स्थापना, कप्तानी, कोचिंग स्टाफ और आईपीएल में उनकी प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी। मुंबई इंडियंस की स्थापना भी 2008 में हुई थी, और रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम ने पांच बार आईपीएल खिताब जीता है: 2013, 2015, 201...
न्यायाधीशों द्वारा शपथ ग्रहण
पद ग्रहण करने से पूर्व न्यायाधीश को राष्ट्रपति के समक्ष संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा एवं भक्ति की शपथ लेनी होती है।
कार्यकाल और वेतन
भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की अवकाश ग्रहण करने की अधिकतम आयु 65 वर्ष है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को संसद द्वारा महाभियोग लगाकर पद से हटाया जा सकता है।
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का मासिक वेतन ₹1 लाख तथा अन्य न्यायाधीशों का वेतन ₹90,000 होता है। इसके अतिरिक्त इन्हें सवेतन छः छुट्टियाँ, निःशुल्क आवास, चिकित्सा आदि की सुविधाएँ तथा सेवानिवृत्त होने पर पेंशन इत्यादि सुविधाएँ भी प्राप्त हैं।
• महाभियोग की प्रक्रिया
महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा के कम-से-कम 100 या राज्यसभा के कम-से-कम 50 सदस्यों द्वारा राष्ट्रपति को सम्बोधित करते हुए लोकसभाध्यक्ष या राज्यसभा सभापति को दिया जाता है।
इस प्रस्ताव का अनुमोदन तीन व्यक्तियों (दो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश तथा एक प्रख्यात विधिवेत्ता) की समिति करती है।
सेवानिवृत्त होने पर वकालत पर प्रतिबन्ध
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अवकाश-प्राप्ति के पश्चात् किसी भी न्यायालय के सामने वकालत नहीं कर सकते, परन्तु राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को आवश्यकता पड़ने पर विशेष कार्य सौंप सकता है तथा न्यायाधीश को इस कार्य का वेतन दिया जाता है।
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