: आर्य समाज

आर्य समाज

आर्य समाज

• आर्य समाज की स्थापना 1875 ई. में बम्बई (मुम्बई) में स्वामी दयानन्द सरस्वती ने की थी।

• दयानन्द सरस्वती का मूल नाम मूलशंकर था, इनका जन्म 1824 ई. में काठियावाड़ गुजरात में हुआ था।

• आर्य समाज का प्रमुख ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश है। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने अपने विचारों के प्रसार हेतु 1874 ई. में यह ग्रन्थ लिखा था। स्वामी दयानन्द सरस्वती ने "वेदों की ओर लौटो" तथा "भारत भारतीयों के .

लिए है" नारे प्रचारित किए। आर्य समाज के सिद्धान्तों में ईश्वर को निराकार तथा सर्वव्यापी माना गया है। मूर्ति पूजा को स्वीकार नहीं किया गया तथा वेदों को ईश्वर का वचन माना गया है।

आर्य समाज में ऊँच-नीच, छुआछूत, जाति-पाँति को वेद विरुद्ध तथा निषिद्ध

घोषित किया गया है।

रामकृष्ण मिशन

रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1897 ई. में स्वामी विवेकानन्द ने अपने गुरु तथा महान् सन्त स्वामी रामकृष्ण परमहंस के नाम पर की थी। रामकृष्ण मिशन का मुख्यालय वेल्लूर मठ कोलकाता में स्थापित किया गया। स्वामी विवेकानन्द का जन्म 1863 ई. में कोलकाता में हुआ था। इनका बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था।

• 1893 ई. में अमेरिका के शिकागो शहर में विश्वधर्म कांग्रेस का आयोजन किया गया। स्वामी विवेकानन्द ने इस सम्मेलन में भारत की ओर से हिन्दू धर्म के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया तथा अपनी ओजस्वी वाणी तथा विचारों से अमेरिकी जनता को मन्त्रमुग्ध कर दिया।

सुभाषचन्द्र बोस ने इन्हें "भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन का आध्यात्मिक पिता..

की संज्ञा दी है। स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं को राष्ट्रीय स्वतन्त्रता के आन्दोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया तथा मानव सेवा को ईश्वर की सेवा बताया। .

सत्यशोधक समाज

• सत्यशोधक समाज की स्थापना 24 सितम्बर, 1873 को महात्मा ज्योतिबा फूले

ने की थी।

ज्योतिबा फूले का जन्म 1827 ई. में पूना महाराष्ट्र में हुआ था। दलित जातियों में आत्मसम्मान की भावना जागृत करने लिए इन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की।

इनके विचार इनकी पुस्तकों गुलामगिरि तथा सार्वजनिक सत्यधर्म में संकलित हैं।

प्रार्थना समाज.

प्रार्थना समाज की स्थापना 1867 ई. में बम्बई में डॉ. आत्माराम पाण्डुरंग ने की थी। 1869 ई. में रामकृष्ण गोपाल भण्डारकर, नारायण चन्द्रावरकर तथा

महादेव गोविन्द रानाडे ने प्रार्थना समाज की सदस्यता ग्रहण की। महादेव गोविन्द रानाडे ने दक्कन एजुकेशनल सोसायटी की भी स्थापना की। 1871 ई. में इन्हें ब्रिटिश सरकार की ओर से पूना में डिप्टी जज नियुक्त किया गया तथा बाद में ये बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनें। . .

प्रार्थना समाज के प्रमुख सिद्धान्तों में ईश्वर के निराकार स्वरूप तथा उसके एक होने पर जोर दिया गया है तथा मूर्ति पूजा का खण्डन किया गया है।

अलीगढ़ आन्दोलन

अलीगढ़ आन्दोलन के संस्थापक सर सैयद अहमद खाँ थे। मुस्लिम समाज में जागृति उत्पन्न करने में सर सैयद अहमद खाँ का नाम उल्लेखनीय है, इनका जन्म 1817 ई. में दिल्ली में हुआ था। .

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