इटली का एकीकरण
इटली का राष्ट्रीय एकीकरण आधुनिक यूरोप के इतिहास में महत्त्वपूर्ण घटना है। 19वीं सदी के मध्य में इटली सात राज्यों में बँटा था, जिनमें से केवल एक इतालवी राजघराने के अधीन था। इटली के एकीकरण में देशभक्तों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इन देशभक्तों में गैरीबाल्डी, मेजिनी और काबूर का महत्त्वपूर्ण योगदान है।
इटली के एकीकरण में मेजिनी का योगदान
मेजिनी ने इटली को एकीकृत कर गणराज्य बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। उसने 1860 के दशक में इटली के एकीकरण हेतु एक सुविचारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसके प्रचार-प्रसार के लिए उसने एक गुप्त संगठन 'यंग इटली' बनाया। 1841 ई. से 1848 ई. में इस संगठन की सहायता से मेजिनी ने सिसली तथा नेपल्स के विद्रोहों को सफल बनाने का प्रयास किया, किन्तु सफलता नहीं मिली।
इटली के एकीकरण में काबूर का योगदान
काबूर एक उच्च शिक्षित फ्रेंच भाषी था, किन्तु वह कट्टर देशभक्त था, उसके कार्यों के विषय में ग्राण्ट एवं टेम्परले के द्वारा यह विचार दिया गया है कि "उसके प्रथम कार्यों में से एक कार्य मिशनरियों का विनाश भी था, परन्तु इटली के एकीकरण ने उसका ध्यान सबसे अधिक आकर्षित किया था।" काबूर ने क्रीमिया के युद्ध में भाग लेकर फ्रांस और इंग्लैण्ड की सहानुभूति प्राप्त की तथा 1858 ई. में नेपोलियन के साथ प्लोम्बियर्स का समझौता किया।
इटली के एकीकरण मे गैरीबाल्डी का योगदान
गैरीबाल्डी को इटली की सेना का निर्माता कहा जाता है। इटली के एकीकरण के लिए। गैरीबाल्डी ने महत्त्वपूर्ण कार्य किए। गैरीबाल्डी ने सिसली के विद्रोह का फायदा उठाकर उस पर अधिकार कर लिया तथा रोम और वेनेशिया पर आक्रमण करने की योजना तैयार की। इसी समय काबूर ने गैरीबाल्डी पर सन्देह करके पोप के राज्य अब्रिया तथा मार्चेज पर अधिकार कर लिया और नेपोलियन को अपने साथ मिला लिया। गैरीबाल्डी ने इटली के एकीकरण के लिए नेपल्स और सिसली, सार्डिनिया के राजा को दे दिए। गैरीबाल्डी के नेतृत्व में भारी संख्या में सशस्त्र स्वयंसेवकों की सेना बनाई गई। गैरीबाल्डी के प्रयासों से 1861 ई. में रोम तथा वेनेशिया को छोड़कर सम्पूर्ण इटली के प्रतिनिधियों ने इटली राज्य की घोषणा की तथा एमैनुअल द्वितीय को इटली का राजा घोषित किया। इस तरह इन देशभक्तों ने अपने प्रयासों से इटली को एक एकीकृत राज्य के रूप में स्थापित किया।
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