: रूस की क्रान्ति के परिणाम

रूस की क्रान्ति के परिणाम

सामाजिक असमानता की समाप्ति क्रान्ति के परिणामस्वरूप एक नए प्रकार की सामाजिक आर्थिक व्यवस्था का विकास हुआ। निजी स्वामित्व एवं व्यक्तिगत लाभ को समाप्त कर दिया गया। इस समाज में व्याप्त असमानता को समाप्त करके प्रत्येक व्यक्ति को काम देना समाज और राज्य का कर्त्तव्य बन गया।

रूस की क्रान्ति के परिणाम

. निरंकुश जारशाही शासन का अन्त

• प्रथम समाजवादी राज्य का उद्भव

•सामाजिक असमानता की समाप्ति

. आर्थिक नियोजन

शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में विकास

औद्योगिक विकास शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरना

आर्थिक नियोजन क्रान्ति के परिणामस्वरूप नई सरकार का प्रमुख कार्य तकनीकी दृष्टिकोण से उच्च अर्थव्यवस्था का निर्माण करना था। इस कार्य के लिए आर्थिक नियोजन के सिद्धान्त को अपनाया गया।

शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में विकास सामाजिक एवं आर्थिक असमानताओं के उन्मूलन के साथ-साथ शिक्षा एवं संस्कृति के क्षेत्र में भी विकास किया गया। शिक्षा के प्रचार-प्रसार से आर्थिक विकास, अन्धविश्वासों के निवारण एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में सहायता मिली, जिसके कारण आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को गति मिली।

औद्योगिक विकास इस क्रान्ति के पश्चात् रूस में उद्योगों का तेजी से विकास हुआ। कारखानों का प्रबन्धन श्रमिकों के हाथ में आ गया। उद्योगों के विकास से रूस ने कुछ ही वर्षों में आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली।

• शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरना क्रान्ति के बाद रूस में बहुत से विकास कार्य हुए। देश सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पुनर्गठित हुआ। कुछ ही वर्षों में रूस विश्व का एक शक्तिशाली देश बनकर विश्व पटल भर उभरा।

रूसी क्रान्ति के अनेक दूरगामी एवं युगान्तकारी परिणाम रूसी क्रान्ति के सफल होने के बाद विश्व में साम्यवादी विचार धाराओं का तेजी से विस्तार हुआ।

इस क्रान्ति के पश्चात् रूस शक्तिशाली राष्ट्र बनकर उभरा, जो भविष्य में अमेरिका समर्थित पूँजीवादी विचारधारा के विरुद्ध एक मजबूत दीवार की भाँति खड़ा हो गया।

. द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के पश्चात् सम्पूर्ण विश्व दो महाशक्तियों के मध्य विभाजित हो गया, शीतयुद्ध के दौर में गैर-परम्परागत हथियारों का निर्माण तेजी से हुआ, जो वर्तमान में भी एक गम्भीर खतरा बना हुआ है।

Post a Comment

0 Comments